2.27.2011

क्यों नृत्य ज़रूरी है

Rekha from Umrao Jaan (not quite Lahore...)
इस हफ़्ते जेरिद ने BBC पर एक लेख देखा​- यह लेख लाहौर के नृत्य के बारे में है। पाकिस्तान में अंतिमवादी नृत्य करनेवालिओं को लक्ष्य निशाना बने रहे हैं।  बम के साथ अंतिमवादी नृत्य करनेवालिओं को धमकी देते हैं:  "अगर आप नृत्य नही रोकेंगी, और अपने घर बंद नहीं करेंगी, तो हम आप पर बम से हमला करेंगी।"  यह असरकारक है, क्योंकि लाहौर के शाही महोल्ला विस्तार में अब कोई नृत्य नहीं है।  सारे नृत्यकार और संगीतकारों के पास कोई काम नहीं है और स्तानीय भोजनालय में कोई ग्राहक नहीं हैं।  कुछ औरतें अपने घर में नृत्य करती हैं और कुछ कुछ दुबई में नृत्य करना जाती हैं।  लेकिन काफ़ी औरत अब वेश्यावृत्ति की और मुड़ रही हैं क्योंकि उन के पास कोई पैसे कमाने  का रास्ता नहीं है।  अजीब है कि ये लोग नृत्य को स्वीकार नहीं करते लेकिन ऐसी स्थिती पेदा कर रहे हैं कि नृत्य समस्या नहीं रही- अब वेश्यावृत्ति सबसे बड़ी समस्या बन गई है। मुझे लगता है कि नृत्य वेश्यावृत्ति से बेहतर है, लेकिन शायद अंतिमवादीओं को नृत्य से ज़्यादा खतरा है।  


मैं उनकी सोच नहीं समझती हुँ। शायद वेश्यावृत्ति "आसान" हो- यह स्पष्ट रूप से गलत है और वेश्यावृत्ति में औरत शक्तिहीन हैं। नृत्य से औरत को कुछ शक्ति मिलती है- वह नृत्य करना चुनती है, आदमी उसकी कला और सुंदरता कि सराहना करते हैं, और इस तरह औरतें नृत्य से पैसे कमा सकती हैं।  मुझे सोचती हुँ कि नृत्यांगना का जिवन आसान नहीं होता, लेकिन नृत्य से औरत अपनी कला, आवाज़ और कौशल से सराकहना सकती है।  नृत्य कला है।  वेश्यावृत्ति में कोई इज्जत नहीं हैं।  औरतों के लिये, लाहौर के लिये, और कला के लिये यह बड़ी नुकसानी है।