10.03.2013

आधी रात के बच्चे

आधी रात के बच्चे


मैंने दीपा मेहता की फ़िल्म "आधी रात के बच्चे" देखी।  सलमान रुश्दी निवेदक है।  मुझे डर था कि फ़िल्म किताब से बहुत अलग होगी।  फ़िल्म ज़्यादा लम्बी है (क्योंकि किताब बहुत लम्बी है)।  लेकिन मुझे फ़िल्म बहुत अच्छी लगी। दीपा मेहता की फ़िल्म है, इस लिये काफ़ी सुन्दर है। लेकिन यह फ़िल्म सलमान रुश्दी की है और उस ही है। मुझे लगता है कि सलिम का बचपन बहुत परेशान है, लेकिन दूसरे हिस्से अच्छे हैं।  कुछ हिन्दुस्तानी इतिहास फ़िल्म में ज़्यादा भारी है। और सलमान रुश्दी इन्दिरा गांधी से बहुत नफ़रत करता है।